Sawan 2023: सावन का महीना और इसका महत्व

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Sawan 2023: इस साल सावन का महीना 4 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त तक चलेगा.

परिचय: Sawan 2023

सावन का महीना, जिसे श्रावण का महीना भी कहा जाता है, हिंदू संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह हिंदू पंचांग का पांचवां महीना होता है और इसे भगवान शिव को समर्पित किया जाता है, जो विनाश और परिवर्तन के सर्वोच्च देवता हैं।

यह महीना अत्यंत मान्यतापूर्ण माना जाता है और इसे विभिन्न रस्मों और उत्सवों से चिह्नित किया जाता है। इस लेख में, हम सावन के महीने के महत्व को जानेंगे और इससे संबंधित विभिन्न रीति-रिवाज़ और परंपराओं पर चर्चा करेंगे।

Table of Contents

Sawan 2023: सावन के महीने का महत्व

सावन के महीने का हिन्दू धर्म में अपार धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व होता है। मान्यता है कि इस महीने में भगवान शिव आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं और उनका आशीर्वाद भक्ति और प्रायश्चित्त द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। भक्तजन ईश्वरीय अनुग्रह की प्राप्ति के लिए विभिन्न धार्मिक प्रयोग और रीति-रिवाज़ का पालन करते हैं।

सावन में उपवास का महत्व

सावन का उपवास सावन के महीने का अभिन्न हिस्सा है। भक्तजन सोमवार को उपवास रखते हैं, जिसे “श्रावण सोमवार” के रूप में जाना जाता है, शिव भगवान की कृपा प्राप्त करने के लिए। इन उपवासों का मान्यतापूर्ण महत्व है कि यह मन, शरीर और आत्मा को शुद्ध करते हैं, आत्मा को पवित्र करते हैं और शांति और समृद्धि लाते हैं।

सावन में उपवास को तप का एक रूप माना जाता है और इसे मान्यतापूर्ण रूप से मानोरज्जन करने और इच्छाएं और आकांक्षाओं की पूर्ति करने का विश्वास होता है।

कांवड़ यात्रा – भक्ति की यात्रा

कांवड़ यात्रा सावन के महीने में होने वाली एक महत्वपूर्ण तीर्थयात्रा है। भक्तजन, जिन्हें कांवड़ियों के नाम से जाना जाता है, हरिद्वार, वाराणसी और गंगोत्री जैसी पवित्र स्थलों की यात्रा करते हैं, गंगा नदी से पवित्र जल प्राप्त करने के लिए।

कांवड़ यात्रा में भाग लेने वाले भक्तजन यात्रा के दौरान शिव भगवान के नाम का जाप करते हैं और गंगा जल को अपने घर लाकर शिवलिंग पर चढ़ाते हैं। यह यात्रा भक्ति, त्याग, और संगठन की महत्वपूर्ण उदाहरण है और इसे भगवान शिव की आराधना और पूजा का एक रूप माना जाता है।

सावन के महीने की परंपराएं

सावन के महीने में कई परंपराएं और रीति-रिवाज़ होती हैं जो भक्तजनों द्वारा पालन की जाती हैं। ये रंग-बिरंगे उत्सव, पूजा पाठ, और सभी उम्र के लोगों के लिए खुले होते हैं। यहां कुछ प्रमुख परंपराओं का उल्लेख किया गया है:

बम-बम भोले

यह एक प्रमुख मार्गदर्शक है जो भगवान शिव के नाम से जाना जाता है। यह जगह-जगह प्रदर्शित किया जाता है और यह देखने के लिए आकर्षण का केंद्र बन जाता है।

इसमें विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम, जैसे कि संगीत संध्या, कवि सम्मेलन और रंगों का उद्घाटन होता है। लोग भगवान शिव के नाम का जाप करते हैं और उन्हें अर्पण करते हैं।

कावड़ यात्रा

कावड़ यात्रा, जो सावन में होती है, भगवान शिव की प्रसन्नता और आशीर्वाद के लिए एक महत्वपूर्ण उपासना है। इस यात्रा में, भक्तजन अपने ऊँठे हुए कांवड़ों को साथ लेकर शिव मंदिर में चलते हैं। यात्रा के दौरान, उन्हें गंगा जल प्राप्त करने के लिए शिवलिंग पर चांदी की चादर चढ़ानी होती है। यह यात्रा भक्ति और संकल्प की एक उदाहरण है और भक्तजनों को शिव के समीप लाने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का एक माध्यम है।

सावन के महीने के प्रमुख उत्सव

सावन के महीने में कई धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव मनाए जाते हैं जो सावन के महीने के महत्व को बढ़ाते हैं। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण उत्सव हैं:

हरियाली तीज

हरियाली तीज सावन के महीने की शुरुआत में मनाया जाने वाला प्रमुख उत्सव है। इसे श्रावण शुक्ल तृतीया को मनाया जाता है। महिलाएं इस उत्सव में भगवान शिव और पार्वती की पूजा करती हैं और अपने पतियों की लंबी उम्र की कामना करती हैं।

यह उत्सव विवाहित महिलाओं के लिए विशेष महत्वपूर्ण होता है और उन्हें स्वस्थ, सुखी और समृद्धि की आशीर्वाद प्राप्त होने की कामना करता है।

नाग पंचमी

नाग पंचमी सावन महीने के बाद आने वाला प्रमुख उत्सव है। इसे श्रावण शुक्ल पंचमी को मनाया जाता है। इस उत्सव में भगवान शिव की आराधना के साथ-साथ साँपों की पूजा भी की जाती है।

यह उत्सव साँपों के देवता नागों की कृपा और सुरक्षा के लिए मनाया जाता है। लोग नाग मंदिरों में जाते हैं और नागदेवता की पूजा करते हैं और उन्हें दूध, फूल, और प्रसाद चढ़ाते हैं।

Sawan 2023: सावन का महीना और इसका महत्व

सावन के महीने के फायदे

सावन के महीने में धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों में भाग लेने के कई फायदे होते हैं। कुछ मुख्य फायदों में शामिल हैं:

आत्म-परिष्कार:

सावन के महीने में उपवास रखने और आत्मिक अभ्यासों में शामिल होने से मन, शरीर और आत्मा को शुद्धि मिलती है। यह आत्म-परिष्कार और आंतरिक पुनर्निर्माण का समय होता है।

धार्मिक संयम:

सावन के महीने में धार्मिक अभ्यासों में लगने से साधक अपने मन, वचन और कर्म पर नियंत्रण रखने की क्षमता विकसित करता है। यह उसके धार्मिक संयम को मजबूत करता है और उसे आध्यात्मिक उन्नति की ओर ले जाता है।

शांति और समृद्धि:

सावन के महीने में धार्मिक अभ्यासों में लगने से आंतरिक शांति और सुखी जीवन की प्राप्ति होती है। भक्तजन संगठित और सामर्थ्यवान बनने के लिए प्रोत्साहित होते हैं। इसके साथ ही, धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों में भाग लेने से आर्थिक और सामाजिक समृद्धि की प्राप्ति होती है।

FAQs (पूछे जाने वाले प्रश्न): Sawan 2023

Q: सावन के महीने का महत्व क्या है?

A: सावन का महीना हिन्दू संस्कृति में महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे भगवान शिव को समर्पित एक शुभ समय माना जाता है। भक्तजन उनके आशीर्वाद के लिए विभिन्न आचरण और उपवास का पालन करते हैं।

Q: सावन के महीने में कौन-कौन से प्रमुख आचरण होते हैं?

A: सावन के महीने में कुछ प्रमुख आचरण में सोमवार के व्रत, भगवान शिव को गंगा जल की अर्पण, रुद्र अभिषेक, और शिव मंदिरों में प्रार्थना और पूजा करना शामिल है।

Q: क्या कोई भी व्यक्ति सावन में उपवास कर सकता है?

A: हां, सावन में उपवास करने की इच्छा रखने वाला कोई भी व्यक्ति ऐसा कर सकता है। मान्यता है कि इस माह में उपवास करने से मन, शरीर, और आत्मा की शुद्धि होती है और आध्यात्मिक विकास होता है। हालांकि, सही मार्गदर्शन और निर्देशों के लिए धार्मिक मार्गदर्शक या पुजारी से परामर्श करना सर्वश्रेष्ठ होता है।

Q: सावन के उपवास में खाने-पीने के लिए कौन-कौन से विशेष आहार सेवन करने चाहिए या नहीं करने चाहिए?

A: सावन के उपवास में लोग आमतौर पर सादा शाकाहारी भोजन करते हैं। कुछ सामान्य भोजन में फल, दूध, दही, और कुट्टू के आटे या साबूदाना से बने हल्के व्यंजन शामिल होते हैं। अमीर्षा, अल्कोहल, और प्याज-लहसुन आमतौर पर त्याग कर दिए जाते हैं।

Q: सावन में किसी विशेष दिन या तिथि पर कुछ महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं?

A: सावन में कई महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं। कावड़ यात्रा, हरियाली तीज, नाग पंचमी, कृष्ण जन्माष्टमी, रक्षा बंधन, और काजली तीज कुछ प्रमुख त्योहार हैं जो सावन के माह में मनाए जाते हैं। इन त्योहारों में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है और भक्तजन उपवास, व्रत, और पूजा के साथ उत्सव मनाते हैं।

Q: सावन का महीना 2023 कब से शुरू है?

A: Sawan 2023: सावन इस बार 04 जुलाई, मंगलवार से शुरू होने जा रही है

Q: सावन का पहला व्रत कब है?

A: Sawan 2023: सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई और आखिरी सोमवार 28 अगस्त को पड़ेगा. इस बार सावन का पहला सोमवार का शुभ मुहूर्त शाम को 5 बजकर 38 मिनट से 7 बजकर 22 मिनट तक चलेगा. इस दौरान भगवान भोलेनाथ का व्रत करें

Q: सावन 2023 में कितने सोमवार हैं?

Sawan 2023: इस बार सावन खास होगा, क्योंकि 19 साल के लंबे अंतराल के बाद अधिक श्रावण मास के कारण श्रावण का शुभ समय दो महीने तक रहेगा। इस वर्ष श्रावण 59 दिनों का होगा और चार के बजाय आठ सावन सोमवार या सोमवार मनाये जायेंगे ।

Q: श्रावण मास में कितने दिन होते हैं?

Sawan 2023: यह 58 दिनों तक चलेगा। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, सावन का महीना भगवान शिव के भक्तों के लिए अविश्वसनीय महत्व रखता है। यह महीना पूरी तरह से भोले भंडारी की भक्ति और श्रद्धा की भावना का है। सावन के महीने में शिव लिंग पर पवित्र जल के अभिषेक का बहुत महत्व है।

Q: सावन का व्रत कैसे रखना चाहिए?

सावन सोमवार का व्रत दिन के तीसरे प्रहर यानी शाम तक रखा जाता है। सुबह स्नानादि नित्य कर्म करने के बाद व्रत का संकल्प करना चाहिए। इसके बाद गंगाजल, बेलपत्र, सुपारी, पुष्प, धतूरा, भांग आदि से पूजन करना चाहिए। इसके साथ ही भगवान शंकर की विधिपूर्वक पूजा करने के बाद व्रत कथा सुनना अनिवार्य माना गया है।

Q: सोमवार का व्रत कब तोड़ना चाहिए?

सोमवार को उपवास करने वाला पर्याप्त उपवास कर सकता है या दोपहर में एक बार दोपहर का भोजन कर सकता है। जबकि भक्त आंशिक उपवास रखने के लिए साबूदाना खिचड़ी या फलों का सेवन कर सकते हैं।

Q: हम सावन में शिव की पूजा क्यों करते हैं?

सावन का महत्व: ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव ने समुद्र मंथन के दौरान निकले जहर को पीकर दुनिया को बचाया था, जिसे अमृत मंथन के नाम से जाना जाता है। विष के कारण शिव की गर्दन नीली हो गई, इसीलिए उन्हें नीलकंठ भी कहा जाता है।

Q: सावन का महीना क्यों महत्वपूर्ण है?

श्रावण का महीना पूरे भारतीय उपमहाद्वीप के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगमन से जुड़ा है । कई हिंदुओं के लिए, श्रावण का महीना उपवास का महीना है। कई हिंदू प्रत्येक सोमवार को शिव और/या प्रत्येक मंगलवार को पार्वती के लिए उपवास करेंगे।

Q: सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा कैसे करें?

उपासक उपवास रखते हैं और केवल फल और पानी का सेवन करते हैं। वे भगवान शिव को बिल्व पत्रों के साथ पंचामृत, दूध, दही, घी, गंगाजल (गंगा का पानी) और शहद का मिश्रण चढ़ाते हैं। भक्त रुद्राक्ष की माला पहनते हैं और प्रत्येक सोमवार को श्रावण सोमवार व्रत कथा का पाठ करते हैं।

Q: Shivratri जल कब चढ़ेगा 2023?

Sawan 2023: इस साल कांवड़ यात्रा 4 जुलाई से शुरू हो रही है। इसके साथ ही 15 जुलाई 2023, शनिवार को शिवरात्रि के दिन जल चढ़ाने के साथ कांवड़ यात्रा समाप्त हो जाएगी। इसके अलावा इस बार 14 अगस्त को भी सावन शिवरात्रि है।

Q: सावन महीना कब आए?

हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि का आरंभ 3 जुलाई को शाम 05 बजकर 08 मिनट पर होगा और इसका अंत 4 जुलाई को दोपहर 01 बजकर 38 मिनट पर हो जाएगा। वहीं सावन का प्रथम सोमवार व्रत 10 जुलाई 2023 को रखा जाएगा।

Q: श्रावण मास कब से चालू हो रहा है?

Sawan 2023: जबकि 4 जुलाई मंगलवार से श्रावण मास का आरंभ व 31 अगस्त गुरुवार को समापन हो रहा है Sawan Month 2023 : श्रावण मास में 19 वर्षों के बाद इस वर्ष दुर्लभ संयोग बना है। इस बार सावन में 8 सोमवार और 9 मंगला गौरी व्रत मिल रहे हैं। जबकि 4 जुलाई मंगलवार से श्रावण मास का आरंभ व 31 अगस्त गुरुवार को समापन हो रहा है।

Q: सावन के व्रत में क्या खाना चाहिए?

सावन सोमवार के व्रत में सात्विक भोजन करना चाहिए। इसमें आप सेंधा नमक से तैयार भोजन कर सकते हैं। हालांकि कई लोग सोमवार के व्रत में सेंधा नमक का सेवन भी नहीं करते हैं। ऐसे में उबले आलू, दही के साथ या कुछ मीठा जैसे लौकी या आलू का हलवा खा सकते हैं।

Q: सावन का क्या कारण है?

सावन वह महीना है जब समुद्र मंथन हुआ था और विष पीने के कारण शिव को नीलकंठ नाम मिला था. सावन के महीने में ही माता पार्वती ने अपनी कठोर तपस्या से महादेव को प्रसन्न किया और शिव और शक्ति का मिलन शुरू हुआ. Sawan 2023: हिंदू धर्म में सावन का महीना बहुत ही शुभ माना जाता है. सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा करने का विधान है.

Quotes: Sawan 2023

सावन का महीना एक धार्मिक यात्रा है जो हमें शिव के समीप ले जाती है।

– अज्ञात

सावन के महीने में भक्ति और संकल्प की एक उदाहरण है और भक्तजनों को शिव के समीप लाने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का एक माध्यम है।

– अज्ञात

निष्कर्ष (Conclusion): Sawan 2023

Sawan 2023: सावन के महीने में धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों में भाग लेने का महत्वपूर्ण सामग्री दी गई है। यह धार्मिक और सामाजिक आयोजनों और उत्सवों का एक संक्षिप्त अवलोकन है जो भारतीय संस्कृति में सावन के महीने की महत्वपूर्णता को दर्शाते हैं। यह समय धार्मिकता, संगठन और सामर्थ्य की अद्वितीय प्रतीक है और भगवान शिव की पूजा और आराधना का महान उत्सव है।

पढ़ने के लिए: Guru Purnima 2023: Mon, 3 July, 2023 | गुरु पूर्णिमा 2023: सोमवार, 3 जुलाई, 2023 – दिव्य शिक्षक को सम्मानित करना

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