कर्पूरी ठाकुर
कौन थे कर्पूरी ठाकुर जिन्हें मिलेगा
भारत रत्न
?
–
बिहार के दो बार मुख्यमंत्री
, "कर्पूरी ठाकुर" -
जनसेवक
,
ईमानदारी
की मिसाल।
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गरीबों के हक
,
पिछड़ों की आवाज
, हर किसी के दिल में बसते थे "
किसान बेटे
"।
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1924 में जन्मे,
गांव के सीमांत किसान के बेटे
,
भारत छोड़ो आंदोलन में भी योगदान
।
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पिछड़ों के लिए आरक्षण,
गरीबों के हक की लड़ाई
, सच्चे जन-नायक बने कर्पूरी।
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सादगी जीवन का आदर्श,
ईमानदारी की मिसाल
, कभी नहीं लिया पद का लाभ।
–
गाड़ियों के सवाल पर जवाब, "
मेरी नहीं सरकार की गाड़ियां, गरीबों का हक खाकर नहीं चलूंगा।
"
–
1988 में हुआ निधन
,
लेकिन यादें जिंदा
, बिहार के इतिहास में अमर कथा।
– कर्पूरी ठाकुर,
एक नाम, अनगिनत कहानियां, ईमानदारी
और जनसेवा की प्रेरणा।
– बिहार के गौरव, जन-नायक,
कर्पूरी ठाकुर को शत-शत नमन
।
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